सच है ये ,
अधूरा हूँ मैं .
सोच से ,
स्वभाव से ,
सपने से ,
हर ओर से ,
अधूरा हूँ मैं
जिस्म से ,
जज़्बात से ,
जिंदगी से ,
सब जगह से ,
अधूरा हूँ मैं
दिल से ,
दिमाग से ,
दास्तान से ,
यकीनन , जन्म से ,
अधूरा हूँ मैं .
नियत से ,
नज़र से ,
नसीब से ,
आपके बाद से,
अधूरा हूँ मैं .
पूर्णता असंभव है
व्यर्थ होंगी कोशिशे
अधूरा सही पर
"अनहद " हूँ मैं ,
हमेशा से ,
हाँ हमेशा से । । । ।
अमिताभ "अनहद"
7 टिप्पणियां:
आपके ब्लॉग का भ्रमण सुखदाई रहा. ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. उम्मीद है निरंतर लिखते रहेंगे व दूसरों को भी मार्गदर्शित करेंगे.
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मेरे ब्लॉग पर आप सदर आमंत्रित हैं. धन्यवाद.
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अमित के. सागर
lage raho
narayan narayan
सच कहा आपने .
एक निवेदन हटा दो यह बाधा शब्द पुष्टिकरण की .. मेरे ब्लॉग पर दस्तक दीजिये अच्छा लगे तो टीका भी अवश्य करें
adhura hun mai........... very emotional expresions..
Regards
bahut khoob bhaee vaah.
es duniya me pura koiye nahi hota ........ aapne aacha kiya hai..... jo logo ko baata diya hai. ki maye aadhura hu..........
shayad log aapko pura samajhate hai.........
आधे अधूरे से जीते सभी हैं,
आधे अधूरे से फिरते यहाँ...
अपने बचे हिस्से को तलाशते,
आधे अधूरे से मुड़ते यहाँ....
मजा आ गया अमिताभ जी, ये कविता बहुत सुन्दर है.
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