मंगलवार, 28 अगस्त 2018

भाई - बहिन

प्रिय बहिन
अप्रितम स्नेह
अछोह दुलार
अनंत मंगलकामना।
विधाता की कृपा से 
आज भी
कुशल हूँ, विकल हूं
इस बार भी
आए थे ,हनुमान जी।
लेकर आपकी तार
तिलक, रोली,मिठाई ,राखी
वाला प्यार।
मालूम नही मईया ने कुछ कहा,
या मेरे तार का असर था।
जो भी हो इस बार विशेष हो गया।
अरसे बाद ,अबकी बार
आपकी आहट मैने महसूस किया।
शब्दो से परे है ये अनुभूति 
इस वक़्त के लिए बस इतना ही 
आप हमेशा हमेशा ख़ुश रहे.बहिन ।
 
आपका भाई