शुक्रवार, 15 जून 2012

टेलीविजन की दुनिया

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बनावट की बुनावट में जुटे
बददिमाग,बदगुमान ,बदजुबान
आठो पहर जागते भागते 
शक्ल से आदमी दिखने वाले
आदमखोरों की दुनिया है 
टेलीविजन की दुनिया .........

   2

न्यूज़ रूम को क़त्लगाह बनाने वाले
आस्था ,श्रधा ,संवेदना को 
भून कर खानेवाले
भय,भ्रम,भूख के सौदागर    
फरेबी ,बहुरुपिए की दुनिया है
टेलीविजन की दुनिया ...
   

                                   अनहद 



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