मंगलवार, 4 नवंबर 2008

ख़बर का खेल

नमस्कार ,स्वागत है आपका
ख़बर के खेल में
आरम्भ नियम व शर्त से
खिलाड़ी ,वंशानुगत ,प्रभाव वाले
बगैर विचारे प्रवेश ले
नवोदित,पहुंच विहीन
दूर रहे इस खेल से
अन्यथा ,
उम्मीद पाले ,संघर्ष करे
अनिश्चितकाल के लिए
भुला कर ज्ञान सारे किताब के
दक्ष बने चाटुकारिता में
ज़मीर अपना बेच दे
मन को मसोर के
सोच को मरोर के
शर्म -हया निचोड़ के
नंगापन के पैरोकार बने
भूख,गरीबी ,दर्द,दुःख
जमकर इनका व्यापार करे
मर्यादा का त्याग करे
संस्कारो को दाह के
देह ,मांस ,भक्षण करे
नित्य सूरा सेवन करे
टीआरपी के जनून में
मानवता का खून करे
झूठ के गरूर में
नाम के सरुर में
छल और प्रपंच से
खूब सारा स्टिंग करे
कल्पनाओं को उड़ान दे
रोज नई कथा बुने
तकनीक के कमाल से
उन्हें सदा ठगते रहे
बैठे है जो बेचारगी से
बुद्धू -बक्से के सामने
बस इतना ही इस अंक में
फ़िर मिलेंगे बाद में
बने रहिये साथ में ............................
अमिताभ"अनहद"

2 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

"very well expressed , real picture of khabron ka khai.."
Regards

भूतनाथ ने कहा…

बहुत सटीक और सामयीक लिखा आपने !
शुभकामनाएं !